Non Violence | अहिंसा
1. अहिंसा का मूल मार्ग: अहिंसा सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, और अपरिग्रह के पाँच यमों में से एक है, जो योगी के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
2. समरसता एवं सहमति: अहिंसा से ही समरसता और सहमति का अभ्यास होता है, जो समाज में सुख-शांति का मूल है।
3. व्यक्ति और समाज में समर्पण: अहिंसा व्यक्ति और समाज को आपसी समर्पण और समरसता की दिशा में मोड़ने का माध्यम है।
4. समस्त जीवों के प्रति दया: अहिंसा न केवल मानवों के प्रति बल्कि समस्त जीवों के प्रति भी दया और करुणा की भावना को प्रोत्साहित करता है।
5. समाज में समाधान: अहिंसा समस्त समस्याओं का शांतिपूर्ण समाधान हो सकता है, जिससे समृद्धि और समरसता में वृद्धि हो।
6. सद्गुण और सत्य: अहिंसा सद्गुण और सत्य के साथ जुड़ा होता है, और इससे व्यक्ति का आत्मा सुधरता है।
7. अहिंसा का पालन: यदि हम अहिंसा का पूरी तरह से पालन करें, तो हम समृद्धि, सम्मान, और समरसता की दिशा में बढ़ सकते हैं।
8. धर्मिकता का अभ्यास: अहिंसा धर्मिकता का अभ्यास करने का माध्यम है जो व्यक्ति को उच्चतम आदर्शों की ओर प्रवृत्ति करता है।
9. संबंध बनाए रखना: अहिंसा व्यक्ति और समाज के बीच सुदृढ़ संबंध बनाए रखने में मदद करता है जो समृद्धि की दिशा में कामयाबी की राह है।
10. विकास और प्रगति: अहिंसा से ही समृद्धि, विकास, और प्रगति का मार्ग प्रशस्त होता है जो समृद्ध और शांतिपूर्ण समाज की दिशा में आगे बढ़ता है।